लोकशाही एक्सप्रेस न्यूज गोंदिया
गोंदिया जिले की दो तहसीलांे के 101 ग्रामों को वन अधिकार अधिनियम के तहत हजारांे हेक्टेयर वन जमीन का अधिकार देने के लिए जिला प्रशासन ने मंजूरी दे दी है। इस वन भूमि से ग्रामों की तस्वीर ही नहीं तो ग्रामीणांे की आर्थिक उन्नती मंे भी बदलाव आएगा। बताया गया है की जल्द ही सामुहिक उपयोग के लिए वन भूमि के पट्टों का वितरण किया जाएगा।
वन अधिकार अधिनियम 2006 अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासियों को वन भूमि और संसाधनांे पर अधिकार प्रदान करने के लिए इस अधिनियम की निर्मिती की गई है। 2005 के पूर्व जिस व्यक्ति ने वन जमीन पर उदर निर्वाह के लिए अतिक्रमण किया है ऐसे अतिक्रमणकारियांे को नियम व शर्तो के आधार पर वन भूमि के पट्टे वितरण किए जाते है। इस प्रक्रिया को पुरा कराने के लिए प्रत्येक ग्रामों में वन अधिकार अधिनियम समिति का गठन किया जाता है। गोंदिया जिले की सभी 548 ग्राम पंचायतांे में समितियों का गठन किया गया है। इस अधिनियम का उपयोग कर वन अधिकार समितियांे की ओर से सामुहिक उपयोग के लिए वन जमीन की मांग कर प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे। इसका मुख्य उद्देश्य यह है की सामुहिक वन जमीन के पट्टे मिलने पर आर्थिक स्त्रोत बढ़्ाने के लिए इस जमीन का उपयोग करना है। बताया गया है की गांेदिया जिले की सालेकसा व गोरेगांव तहसील के 101 ग्रामांे में सामुहिक वन जमीन के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे जिसे जिला प्रशासन ने नियम व शर्तो के आधार पर मंजूर कर लिए है। जानकारी मंे यह भी बताया गया है की 1 हजार से अधिक हेक्टेयर वन जमीन उपरोक्त ग्रामांे के समितियांे को देने का फैसला लिया गया है। जिससे उम्मीद जताई जा रही है की इस जमीन से गांव की तस्वीर ही नहीं तो आर्थिक उन्नती मंे भी बदलाव आएगा।
जमीन का अधिकार मिलते ही किया जाएगा उपयोग
वन अधिकार अधिनियम के तहत वन अधिकार समितियों के माध्यम से सामुहिक वन जमीन की मांग की गई थी और प्रस्ताव भी प्रस्तुत किए गए थे। प्रशासन ने गोरेगांव व सालेकसा तहसील के 101 ग्राम की समितियांे को वन जमीन के पट्टे मंजूर किए है। वन जमीन का अधिकार मिलते ही आर्थिक स्त्रोत बढ़ाने के लिए वन भूमि का उपयोग किया जाएगा। जिससे गांव की उन्नती के साथ ग्रामीणों को आय का स्त्राेत भी उपलब्ध होगा।